रास्ते कहीं नहीं मिलते रेडीमेड
रास्ते बनाने पड़ते है,
बार बार चल कर
और पहली बार
पहली बार चलने के लिये
केवल सपना चाहिये
और चाहिये हौसला
किठकिटाते दाँत,
तनी मुट्ठियाँ
टेढ़ी भृकुटि
गरम खौलता खून
इन सब के साथ चाहिये
जुड़े हुए हाथ
एक सी आवाज
मिल चुकी साँस
तब जाकर बनता है
एक अदद रास्ता
जो चल देगा
आपकी-मेरी मंजिल तक
देगा सकून
कुछ कर गुजरने का।
रास्ते बनाने पड़ते है,
बार बार चल कर
और पहली बार
पहली बार चलने के लिये
केवल सपना चाहिये
और चाहिये हौसला
किठकिटाते दाँत,
तनी मुट्ठियाँ
टेढ़ी भृकुटि
गरम खौलता खून
इन सब के साथ चाहिये
जुड़े हुए हाथ
एक सी आवाज
मिल चुकी साँस
तब जाकर बनता है
एक अदद रास्ता
जो चल देगा
आपकी-मेरी मंजिल तक
देगा सकून
कुछ कर गुजरने का।
No comments:
Post a Comment