सर्वश्रेष्ठ या सर्वोत्तम कुछ भी नहीं होता, हर चीज की एक हद हमें खुद ही निर्धारित करनी ही होगी।कहीं अटकना होगा ही, रूकना होगा ही- सर्वश्रेष्ठ या सर्वोत्तम की खोज पीढ़ियों द्वारा दौड़ी जाने वाली रिले रेस है, वह रेस जो कभी खत्म ही नहीं होने जा रही है। एक व्यक्ति या एक पीढ़ी अपनी दौड़ने की हद स्वयं तय करती है।
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