Thursday, 15 August 2013

रौशनी चलती है
रौशनी देखती है
यह साँस भी लेती है
रौशनी के भी अरमान होते है
सपने होते हैं
अपने होते है
ऐसा नहीं है कि रौशनी थकती नहीं
निराश नहीं होती
बस इतना सा है
रौशनी कभी मरती नहीं
जीती चली जाती है
तब भी जब लगभग सब कुछ मर चुका होता है
जहाँ कुछ भी नहीं रह जाता
वहाँ भी उम्मीद रहती है
रौशनी रह ही जाती है
बस दुबारा उम्मीद जगाती है

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