बेईमानगिरी भी एक फ़न है
हरफ़नमौला उससै परहेज नही किया करते
पर फ़किरों की अपनी मौज है
परहेज़गारों के लिये हर फन जरूरी तो नहीं
...
भूखे को भूख लगी तो है
प्यासे को भी लगी है प्यास
पर फकिरों की भूख मिटे नहीं
हर प्यास बुझ ही जाये, जरूरी तो नहीं
हर तरफ जलवा बिखरा है
हर आँख देखती कुछ और
पर चश्मा ही जब बदल जाये तो
मुझे भी वही दिखे, यह जरूरी तो नहीं
बेईमानगिरी भी एक फ़न है
हर फ़न मेरे लिये जरूरी तो नहीं
हरफ़नमौला उससै परहेज नही किया करते
पर फ़किरों की अपनी मौज है
परहेज़गारों के लिये हर फन जरूरी तो नहीं
...
भूखे को भूख लगी तो है
प्यासे को भी लगी है प्यास
पर फकिरों की भूख मिटे नहीं
हर प्यास बुझ ही जाये, जरूरी तो नहीं
हर तरफ जलवा बिखरा है
हर आँख देखती कुछ और
पर चश्मा ही जब बदल जाये तो
मुझे भी वही दिखे, यह जरूरी तो नहीं
बेईमानगिरी भी एक फ़न है
हर फ़न मेरे लिये जरूरी तो नहीं
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