Saturday, 20 April 2013

  • लड़ना सीखो तो सही, यह बाद में तय कर लेंगें कि लड़ाई सही थी या गलत । लड़ने का अनुभव ही नहीं होगा तो जरुरी धर्म-लड़ाई भी छोड़नी पड़ेगी ।बाद मैं अपनी कायरता पर लज्जित होते रहना पड़ेगा- क्या यही चाहते हो ।

    लड़ कर जीता जा सकता हे, बीना लड़े तो केवल हार ही मिलेगी ।पर लड़ना एक कला है, रियाज़ है, अभ्यास है, क्या तुम अभ्यास करते रहते हो। कलात्मक अभ्यास------

No comments:

Post a Comment