Thursday, 16 August 2018

अपने विश्वास को टूटने ,खण्डित मत होने देना। विश्वास करने की आदत प्रति क्षण और सम्पुष्ट करते रहना। यह विश्वास ही आश है, पुरुषार्थ है, पराक्रम है, मैं हूँ, मैं कर सकता हूँ, यह मेरा है, यही विश्वास हर आने वाले क्षण का निरन्तर, चिरन्तन का आधार है, रहेगा।

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