Wednesday, 29 August 2018

बहुत सी लड़कियों ने वह सब कुछ अचीव किया था जिसे पाने का सपना मेरे जैसी न जाने कितनी लड़कियां देखती हैं। 
इतनी उपलब्धियों के बावजूद वे एक ‘व्यक्ति’ नहीं बन पाईं, एक व्यक्ति जो अपनी जिंदगी के फैसले लेने के लिए आजाद होता है। 
आर्थिक स्वतंत्रता को महिलाओं के सशक्तीकरण का पहला और बेहद अहम हिस्सा माना जाता है। लेकिन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के बावजूद महिलाएं गुलाम हैं, कम से कम कईघटना जो जब न तब लगातार घट जा रही है और भारतीय महिलाओं के पराश्रित  या पुरुष आश्रित के प्रमाण देती रहती हैं,  से तो यही साबित होता है।

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