न्यायाधीश निर्णय की ओर बढ़ते जाता है और अपना चला, चलने का कारण, आधार, दिशा बताता चलता है और निर्णय तक पहुचता है, निर्णय हो जाता है।
यही सकारण निर्णय न्यायाधीशीय निर्णय कहलाता है।
यह कारण बताते चलना ही पारदर्शिता है।
यही रतेरिया विवेक, विजन है।
यही सकारण निर्णय न्यायाधीशीय निर्णय कहलाता है।
यह कारण बताते चलना ही पारदर्शिता है।
यही रतेरिया विवेक, विजन है।
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