मुझसे हर वक्त मीठी बातों की उम्मीद मत करना,मुझे खामखाह मुस्कराने को मत कहना, मैं जानदार इंसान हूँ,
अपनी, अपनों की हिफाजत, बेहतरी, सकून, के लिये ही तो-
कुदरत ने ये पंजे, नाखून, दाँत, गुर्राहट,गर्म खून, ये साँसे दी है
अपनी, अपनों की हिफाजत, बेहतरी, सकून, के लिये ही तो-
कुदरत ने ये पंजे, नाखून, दाँत, गुर्राहट,गर्म खून, ये साँसे दी है
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