Monday, 27 August 2018

असहिष्णुता विरोधी आंदोलन स्वतःस्फूर्त नहीं था, प्रायोजित था, या यूँ कहिये कि एक षड्यंत्र था, बल्कि इसके लिए कुछ लेखकों ने देश व्यापी नेटवर्किंग और अभियान चलाया था जिसके लिये बाकायदा अपवित्र साधनों से फंडिंग की गई थी।

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