Thursday, 16 August 2018

एक पीढ़ी को विश्वासहीन मत होने दो। प्रश्न यह नहीं कि विश्वास किसमें है, प्रश्न है कि विश्वास है या नहीं , विश्वास रहना चाहिये, इसमे या उसमें, विश्वास ही नहीं रहेगा तो सब कुछ लूट जायेगा , हमारा मूल आधार ही नष्ट हो जायेगा। न खुद अपने विश्वास से खेलो, न पूरे समाज के विश्वास से, न विश्वास के बीज से, विश्वास करने की आदत बन रहने दो। में भी कहूँ तो विश्वास करना मत छोड़ना, भूलना तो कत्तई नहीं, कभी कहीं कुछ चूक हो ही जाए तो फिर से वहीं पहुंच समझ विश्वास की डोर थाम लेना , मेरे भाई।

No comments:

Post a Comment