कानून का पालन करने वाले लोगों को कायर बनकर रहने की जरूरत नहीं है, खासकर तब, जबकि आपके ऊपर गैरकानूनी तरीके से हमला किया जाए। प्रिंट मीडिया ने इसे कोर्ट का अति-न्यायिक सक्रियता दर्शाने वाला निर्णय भी करार दिया था। कमोबेश यह निर्णय देश के सभी समाचार-पत्रों में प्रकाशित और सभी चैनलों पर प्रसारित हो चुका है और इस निर्णय पर अनेक लेखकों ने अपने-अपने तरीके से अपने-अपने विचार भी व्यक्त किए हैं। लेकिन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को सीधे तौर पर जानलेवा हमला होने की स्थिति में आत्मरक्षा के अधिकार के रूप में ही उपयोगी माना।
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