Judicial discussion by R . K . Rateria
Wednesday, 15 August 2018
ब्यक्तिगत आग्रह, हित, दृष्टि से संस्थान, ब्यवस्था, सिस्टम, समस्या, परिस्थिति का आकलन अक्सर त्रुटिपूर्ण होता है, सम्पूर्ण फलक सामने आता ही नहीं, पूर्ण दृष्टि बनती ही नहीं, खण्ड दृष्टि या दृष्टिकोण से तो अधूरापन तो आएगा ही।
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