मुझे हक है यह कहने का, निर्णय लेने का की में युद्ध नहीं करूंगा, पर हारूँगा भी नहीं, झुकूँगा भी नहीं, भागूँगा भी नही, हथियार भी नहीं डालूँगा।
मेरे पास मेरे आत्मसम्मान, अधिकार, जीवन के रक्षा के सारे अधिकार, आत्मरक्षा का सर्वोपरि अधिकार सर्वथा सुरक्षित हैं, रहेगा और इनका उपयोग न तो युद्ध है, न आक्रमण वरन मेरा धर्म है और में अपने धर्म का सब विधि सम्यक पालन करूँगा, समझ लो।
No comments:
Post a Comment