Friday, 30 January 2015



मेरे ३०० से अधिक बेटे बेटियाँ इज्जत के साथ जीवित तो है हीं और आगे भी बढ़ रही है, हिज मास्टर्स भ्वाय्स बन कर उनके कत्ल का अपराध क्या उचित है .
नौकरोचित आज्ञाकारी नहीं होने का अपराधी न्यायाधीश ही भला

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