मेरे ३०० से अधिक बेटे बेटियाँ इज्जत के साथ जीवित तो है हीं और आगे भी बढ़ रही है, हिज मास्टर्स भ्वाय्स बन कर उनके कत्ल का अपराध क्या उचित है .
नौकरोचित आज्ञाकारी नहीं होने का अपराधी न्यायाधीश ही भला
नौकरोचित आज्ञाकारी नहीं होने का अपराधी न्यायाधीश ही भला
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