Wednesday, 21 January 2015

जब तक हो और लड़ते रहोगे ,हारोगे तो नहीं , एकसमय सीमा के अन्दर जो नतीजा आ जाता है वह केवल उसी समय -परिस्थिति का मुल्यांकन भर करता है ,अगले क्षण की परिस्थिति का आकलन वह पहले का नतीजा नहीं करता -- यदि तुम अगले क्षण भी हो और लड़ भी रहे हो तो पूरी पूरी सम्भावना है की अगला नतीजा तुम्हारे पक्ष में ही हो - -- पर यह नतीजा भी तुम्हारी हार या जीत का स्थायी अमर घोषणा पत्र नहीं है

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