Tuesday, 20 January 2015

मैनें तुम्हें कभी भी कुछ भी केवल इस लिये नहीं कहा  ,न सुझाया है की मैं तुमसे कुछ दशक पहले इस धरती पर जन्मा था।
मैं आपलोगों में से अधिकांश से न तोअधिक  पवित्र हूँ , न ही अधिक समझदार।
तथ्यों को जानने , समझने ,विश्लेषण करने की मेरी क्षमता  भी आप लोगों की तरह की ही है .
आप लोगो को मुझसे किसी भी तरह  से आतंकित होने की कोई आवश्यकता हो ही नहीं सकती।
 आप मेरे जितने या मुझसे भी अधिक समझदार हैं .
बस मैं तोआप से  आपके ज्ञान , समझ का साझा किया चाहता हूँ .
मैं आप से कुछ और  भी सीख लेना , जान लेना चाहता हूँ .
आप सब नये हो।  नया सोच सकते हो।
अभी पुराने के गुलाम नहीं हुए हो।  ताजा हो। मेरी तरह बासी नहीं हुए हो।
अभी आपकी आशा के वृक्ष में नई सम्भावना पैदा होने ही वाली है।
मेरी तरह  आशा की बेल की तरह सब कुछ पक नहीं गया है , चूक नहीं गया है।
मुझसे  संकोच कैसा !
अब सारा , कुछ आप सबका ही है !
यदि मेरे पास कुछ आपके मतलब -प्रयोजन का है तो उसे लेने में अब देर नहीं करें , मैं अब बहुत तो नहीं ही ठहरूंगा।
ठहरूं तो भी मुझसे  न डरे ,न झिझके . बस आगे बढ़े --- आपकी अपनी जिमेवारी पर।
आप मुझसे बहुत अच्छा कर सकते हैं , बहुत आगे जा सकते हैं - बस आपको मेरे सामने ही मुझसे आगे बढ़ जाना है , मैं पीछे भी रह जाऊँ तो भी। ....... 

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