पूरी साफ लम्बी चौड़ी चद्दर तुम्हें नहीं दिखती ,इस पर किसी कोने में लगा वह दाग ही हर बार दिखता है --
पचास साठ साल के जीवन का सारा किया क्या किसी काम का नहीं .क्या मेरे पहले तुमने कभी किसी का जीवन जाना- समझा भी है . क्या और सारे जीवन बिना दाग के थे .
स्वाभाविक भाव से जांचों .
मैं तुमसे अनुग्रह की अपेक्षा नहीं करता ,पर सम भाव की अपेक्षा तो कर ही सकता हूँ . उन्ही अन्य लोगों के हजारों दाग तुम्हें बैचैन नहीं करते तोमर यह एक दाग इतना बैचैन क्यों कर रहा है .
कहीं तुम मेरे प्रति सम-भाव बनाये रखने में किसी कारण असफल तो नहीं हो रहे हो .
पचास साठ साल के जीवन का सारा किया क्या किसी काम का नहीं .क्या मेरे पहले तुमने कभी किसी का जीवन जाना- समझा भी है . क्या और सारे जीवन बिना दाग के थे .
स्वाभाविक भाव से जांचों .
मैं तुमसे अनुग्रह की अपेक्षा नहीं करता ,पर सम भाव की अपेक्षा तो कर ही सकता हूँ . उन्ही अन्य लोगों के हजारों दाग तुम्हें बैचैन नहीं करते तोमर यह एक दाग इतना बैचैन क्यों कर रहा है .
कहीं तुम मेरे प्रति सम-भाव बनाये रखने में किसी कारण असफल तो नहीं हो रहे हो .
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