Thursday, 16 August 2018

मेरा होना ही पर्याप्त है, मुझे मिटा न सकोगे ताकत से, प्रेम और प्यार  से कह दोगे तो मैं हवा हवाई हो जाऊँगा, उड़ तो जाऊँगा पर जाऊँगा नहीं, हवा, बहार,  पत्ते पत्ते में, ओस की हर बून्द, हर निकलती कोपल में, हर फूटते अंकुर में, कूदते, नाचते, उछलते बचपन, यौवन में समा जाऊँगा, रहूँगा, उगता ही रहता रहा हूँ, रहा करूँगा।

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