Wednesday, 15 August 2018

निर्णय केवल दो ही होंगे। हाँ या ना।
निर्णय सही और वही होने पर भी निर्णय के कारण अनन्त हो सकते है। हर ब्यक्ति कारणों से असहमत हो सकता है, किसी न किसी कारण।यदि वह बुद्धिजीवी है तो उसकी असहमति की सम्भावना अनन्त गुना बढ़ जाएगी। याद रहे , यह असहमति कारणों के आधार पर ही होगी, अंतिम निर्णय के आधार पर नहीं। उसका भी अंतिम निर्णय तुम्हारा वाला ही हो सकता है । पर अपनी असहमति दिखाने के लिए वह तुम्हे अंतिम निर्णय विंदु तक जाने ही नहीं देगा, न ही खुद जाएगा। वह बस असहमतियों के कारणों से खिन्न हो असहमतियों के कारण, निर्णय के कारण तक ही तुमको उलझा कर रखेगा। निर्णय की बात ही नहीं करने देगा। 

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