Judicial discussion by R . K . Rateria
Thursday, 12 June 2014
मुझे तौलने का तुम्हारा तराजू अलग से क्यों रखा रहता है ,
उससे तुम अपनों को या अपनों का या अपने लिये कुछ ,क्यों नहीं तौलते ,लेते ,देते .
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