न्याय प्रदायी व्यवस्था ७५% व्यवस्था ,प्रशासन ,प्रबंधन , संसाधन नियोजन ,योजना , अनुपालन से जुड़ा है ,केवल २५% ही सीधे न्यायिक कार्यों से सम्बद्ध है .इस २५% पर भी उपस्थित प्रबंधकीय संरचना का प्रभाव पड़ता ही है .
सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक या मानसिक न्यायिक मानवीय साधन क्षमता भी समुचित संरचना अथवा प्रबंधन,प्रशासन ,नियोजित साधन एवं उनके उपयोग के अभाव में आनुपातिक रूप से संतोषजनक प्रतिफल नहीं दे सकेगी तथा समाज क्रमशः असंतुष्ट होता जायेगा .
न्याय प्रदायी व्यवस्था अनेक कारकों के समन्वय , सजग -समर्थ -सहकार से ही प्रभावी हो सकता है .
सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक या मानसिक न्यायिक मानवीय साधन क्षमता भी समुचित संरचना अथवा प्रबंधन,प्रशासन ,नियोजित साधन एवं उनके उपयोग के अभाव में आनुपातिक रूप से संतोषजनक प्रतिफल नहीं दे सकेगी तथा समाज क्रमशः असंतुष्ट होता जायेगा .
न्याय प्रदायी व्यवस्था अनेक कारकों के समन्वय , सजग -समर्थ -सहकार से ही प्रभावी हो सकता है .
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