Thursday, 19 June 2014

मानवीयता, सदाचार, करुणा, प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारा और स्त्रियों-बच्चों-कमजोरों के प्रति संवेदना की कसौटी पर कस कर देखें तो इस्लाम और हिंदुत्व सहित दुनिया के ज्यादातर धर्म अपने धर्मावलंबियों की वज़ह से अब ख़तरनाक हो चुके हैं।
मित्रों, बंद करिए अपने धर्म और धर्मग्रंथों का स्तुति-गान ! आपकी बातें पढ़-सुनकर अब गुस्सा आने लगा है।

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