Sunday, 22 June 2014

जिन्दगी है तो मौज मस्ती पर निगोड़ी सही रहती है इस मौज  मस्ती पर सलीके से संयम के कोड़े  लगाने से ,
तभी यह सजती है , संवारती है , सीधे आगे बढती है,उपर उठती है .
केवल पार्टी ,शार्टी,डिनर शिनर ,पीना खाना से ये जिन्दगी बहकती ही अधिक है , इसे कंट्रोल में रखो

,स्टेयरिंग पर हाथ जिससे दिशा हे वक्त ठीक रहे ,एक्सीलेटर के समानांतर ब्रेक पर ध्यान ,और हाँ बेवजह मौज मस्ती में हाई स्पीड नहीं क्योंकि जिन्दगी के साथ ही संभावनाएं ,खतरे भी होते हैं  और होश में रहकर ही उनसे पार लगा जा सकता है नहीं तो अतिरेक बस जिन्दगी की लुटिया डुबोने पर लगा रहता है ,
हर जिन्दगी मौज मस्ती से अधिक बड़ी होती है ,सफल जीवन के लिये केवल मौज मस्ती को समय पर विराम देकर जिन्दगी की यात्रा के लिये कुछ तयारी करना ही भला .
खास कर जीवन का पहला भाग जहाँ उफान ,तूफान अधिक आते है और निर्माण का सारा काम इसी कल खंड में ही होना है.
बाद में मौज मस्ती के अवसर अधिक मिलेंगे ,पर पहले धीरज रखो ,संभालो  और आगे चलो .

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