Tuesday, 4 September 2018

वह जीत गया जो लड़ा ओर लड़ते गया। उचित जी या अनुचित, नैतिक हो या अनैतिक , ब्यय या अन्याय, दैवीय,आसुरिय जो भी कहिये, कितना भी कहिये या कोसिए या निंदा करे या बंद का भय दिखाए या जग हंसी5 की भी हो, यदि आपके लिए लाभकारी, आवश्यक ,उचित हो,उपकारी हो तो मैं करूँगा, कोई नहीं रोकेगा।

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