Wednesday, 12 September 2018

आप उदारता , विशालता, का उपदेश नहीं दे सकते , न इसकी उम्मीद रख सकते हैं जब तक कि आप स्वयं उदार न हो, विशाल न हो , सहिष्णु न हों, सुधार को स्वीकार करने को तैयार न हो।

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