Judicial discussion by R . K . Rateria
Wednesday, 12 September 2018
अधर्म का तात्कालिक आकर्षण यदि चिरस्थायी लाभ दे सका होता और उसके दुष्परिणामों की कोई आशंका न होती तो कदाचित् ही कोई उस कष्ट साध्य प्रतीत होने वाली प्रक्रिया को अपनाता।
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