में अपने बड़े भाई दिलीपकुमार रतेरिया, उनकी पत्नी, उनकी सन्तान का कभी भी कोई अहित न करूँगा, न अपने ताकत भर किसी को भी करने दूंगा, न किसी से करवाऊंगा, न किसी के उकसावे में कभी भी अपने भईया के विरुद्ध जाऊँगा।
यह मेरा आदेश मेरे खुद के लिये।
यह मेरा आदेश मेरे खुद के लिये।
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