Tuesday, 11 September 2018

जानता हूँ जड़ें निकालने में कैसा लगता है ,
यह भी जानता हूँ नई जमीन कैसी होती है
दो नई पत्तियाँ नये जीवन का परिचय है
जानता हूँ ,इन नई फुनगियों का भय ,दर्द।

मेरे आंसुओं की फ़िक्र मत करना ,न डरना 
मैं तो सो ही जाऊँगा, बस तुम आगे बढ़ना। 

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