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माँ की ममता का सागर ये, मेरी आँखो का तारा है.
कैसे बतलाउ तुमको , किस लाड प्यार से पाला है
.
तुम द्वारे मेरे आए हो, मैं क्या सेवा कर सकता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे, मैं आज समर्पित करता हूँ
.
मेरे हृद्य के नील गगन का ये चाँद सितारा है
मैं अब तक जान ना पाया था, इस पर अधिकार तुम्हारा है
.
ये आज अमानत लो अपनी, कर बँध निवेदन करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे, मैं आज समर्पित करता हूँ '
.
इससे तो भूल होगी, ये सरला है सुकुमारी है .
इसके अपराध माफ़ करना मेरे घर की राजदुलारी है
.
मेरी कुटिया की शोभा है,जो तुमको अर्पण करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे मैं आज समर्पित करता हूँ '
.
भैया से आज बहन बिछ्ड़ी माँ से बिछ्ड़ी माँ की ममता
बहनो से आज बहन बिछ्ड़ी , लो तुम्ही इसके आज पिता
.
मैं आज पिता कहलाने का अधीकर समर्पित करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे आज समर्पित करता हूँ ' '
.
था जिस दिन इसका जन्म हुआ ना गीत हुए ना शहनाई,
पर आज विदा के अवसर मेरे घर बजती शहनाई
.
ये बात समझकर मैं मन ही मन रोया करता हूँ,
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे आज समर्पित करता हूँ
माँ की ममता का सागर ये, मेरी आँखो का तारा है.
कैसे बतलाउ तुमको , किस लाड प्यार से पाला है
.
तुम द्वारे मेरे आए हो, मैं क्या सेवा कर सकता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे, मैं आज समर्पित करता हूँ
.
मेरे हृद्य के नील गगन का ये चाँद सितारा है
मैं अब तक जान ना पाया था, इस पर अधिकार तुम्हारा है
.
ये आज अमानत लो अपनी, कर बँध निवेदन करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे, मैं आज समर्पित करता हूँ '
.
इससे तो भूल होगी, ये सरला है सुकुमारी है .
इसके अपराध माफ़ करना मेरे घर की राजदुलारी है
.
मेरी कुटिया की शोभा है,जो तुमको अर्पण करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे मैं आज समर्पित करता हूँ '
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भैया से आज बहन बिछ्ड़ी माँ से बिछ्ड़ी माँ की ममता
बहनो से आज बहन बिछ्ड़ी , लो तुम्ही इसके आज पिता
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मैं आज पिता कहलाने का अधीकर समर्पित करता हूँ
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे आज समर्पित करता हूँ ' '
.
था जिस दिन इसका जन्म हुआ ना गीत हुए ना शहनाई,
पर आज विदा के अवसर मेरे घर बजती शहनाई
.
ये बात समझकर मैं मन ही मन रोया करता हूँ,
ये कन्या रूपी रत्न तुम्हे आज समर्पित करता हूँ
Wah bhavna se bhara hua
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