Wednesday, 15 October 2014

ये तो समाज का बेवजह अनुचित जिद्द ही होगा या निक्म्म्मापन ही होगा कि शिक्षा जड़ता की दिशा में चले। शिक्षा और ज्ञान तो  स्थिर अथवा एकाधिकार की वस्तु है ही नहीं।

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