Saturday, 25 October 2014

दिख जाने भर से मन पिघल सा जाता है
याद भर आने से आँखे भर भर सी आती है
छू लेने भर से ,कोना कोना भरता ही जाता है
जो तुम छू दो तो हर डर भागता चला जाता है 

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