सी जे आई को राजनैतिक समझ के प्रभाव में ले आने मात्र से भारतीय संविधान के अंतर्गत अधिनायक प्रवृत्ति को संरक्षण देने वाला तन्त्र विकसित होता चला जायेगा।
सी जे आई के पद को आत्यंतिक केंद्रीय भूमिका और निर्बाध अधिकार दे दिया गया है। हर कोई इस एक पदधारी की मित्रता, कृपा, साथ का कृपाकांक्षी होता जा रहा है। यह शुभ लक्षण तो नहीं ही है ।
सत्ता के इस केंद्र को निर्बाध ढंग से विकसित होने से रोकना ही होगा।
अत्यधिक शक्ति, चाहे कहीं भी हो, केंद्रीय करण उचित तो नहीं ही है।
सी जे आई के पद को आत्यंतिक केंद्रीय भूमिका और निर्बाध अधिकार दे दिया गया है। हर कोई इस एक पदधारी की मित्रता, कृपा, साथ का कृपाकांक्षी होता जा रहा है। यह शुभ लक्षण तो नहीं ही है ।
सत्ता के इस केंद्र को निर्बाध ढंग से विकसित होने से रोकना ही होगा।
अत्यधिक शक्ति, चाहे कहीं भी हो, केंद्रीय करण उचित तो नहीं ही है।
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