Tuesday, 24 July 2018

तुमने भी तो कुछ सोचा होगा न . आखिर निर्णय तो लेना ही है . सोचना तो तुम्हें ही पड़ेगा क्योंकि निर्णय तुम्हारा है ,तुमको लेना है ,तुम्ही को निभाना है , तुम्ही को भोगना भी पड़ेगा ,अच्छा हुआ तो कई आ जायेंगें श्रेय लेने के लिये ,उन्हें तुम मना भी नहीं कर सकोगे .
कुछ भी कहीं भी गडबडाया तो कोई तुम्हारा सहारा तक नहीं बनेगा ,सब कुछ तुम्हारी अपनी जिम्मेवारी होगी .
अब तो सोचो .सोचना-समझना शुरू तो करो.निर्णय तक पहुँचने का साहस खुद आता जायेगा ..
बस एक  बार अपन निर्णय के लिये उत्तरदायी  होने के लिये तैया तो होना सीखो .

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