जोखिम उठाते वक्त जो केवल असफलता की सम्भावनाओं का जिक्र करते हैं ,रास्ते में मिलने वाली ठोकरों से जो केवल डराते रहते है , फिसल जाने पर या गिर पड़ जाने पर जो न तो सहारा देते है न हिम्मत , केवल आलोचना करते हैं या उपहास उड़ाते फिरते है , वे ही सफल हो जाने पर सबसे बड़े गुलदस्ता लिये चले आते है .
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