काश ! मैं एक पुल या एक सीढ़ी होता ,उंचाईयों को या की खाईयों को मेरा डर तो लगता .
कुछ तुम्हारे काम भी आ ही जाता .
तुम मुझे संभाल कर भी रखते ,कि न जाने कब कहाँ काम आ ही जावे .
कुछ तुम्हारे काम भी आ ही जाता .
तुम मुझे संभाल कर भी रखते ,कि न जाने कब कहाँ काम आ ही जावे .
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