बिना भूख के तो टेबल मैनर्स ही बस याद आते हैं
खाना कहाँ दीखता बस डेकोरेशन देखते रह जाते है
वे क्या जाने भूख क्या होती है ,कैसे पेट जलाती है
वे तो बस शिष्टाचार निभाते, दुनिया पेट चलाती है
भूख नहीं है ,कोई बात नहीं ,आप बस मुँह लगाते है
काश हम भरी प्लेट होते ,हमे भी कोई मुँह लगाते .
खाना कहाँ दीखता बस डेकोरेशन देखते रह जाते है
वे क्या जाने भूख क्या होती है ,कैसे पेट जलाती है
वे तो बस शिष्टाचार निभाते, दुनिया पेट चलाती है
भूख नहीं है ,कोई बात नहीं ,आप बस मुँह लगाते है
काश हम भरी प्लेट होते ,हमे भी कोई मुँह लगाते .
No comments:
Post a Comment