Wednesday, 18 February 2015

बिना भूख के तो टेबल मैनर्स  ही बस  याद आते हैं
खाना कहाँ दीखता  बस डेकोरेशन देखते रह जाते है

वे क्या जाने भूख क्या होती है ,कैसे पेट जलाती है
वे तो बस शिष्टाचार निभाते, दुनिया पेट चलाती है

भूख नहीं है ,कोई बात नहीं ,आप बस मुँह लगाते है
काश हम भरी प्लेट होते ,हमे भी कोई मुँह लगाते .

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