मानव
मन अनन्त संभावना की सतत् यात्रा पर रहता है, इन संभावनाओं का पूर्वाभाष,
आकलन करने की क्षमता ही हमारी शिक्षा है। मानव मन की यही गति मानव के समस्त
शारीरिक अथवा मानसिक क्रिया-कलापों की दिशा -दशा तथा तीब्रता निर्धारित
करती है। मानव मन का अध्येता मानव शरीर के क्षेत्र मै काम करने वालों का
स्वाभाविक नेतृत्व करने लगता है क्यों कि मानव मन की गति की संभआवनाओं के
अद्ध्ययन से जो दूर दृष्टि प्राप्त होती है वह मानव शरीर के जानकरों के
लिये संभव नहीं है।
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