मैंने समाज में रहना ही इसी लिये स्वीकार किया था कि मै निजत्व की रचना करना चाहता था। मैने वचन दिया था कि मैं आप सभी के निजत्व की रक्षा में अपना योगदान दूँगा तथा बदले मैं मुझे मेरे निजत्व की रक्षा का आश्वासन मिला था।
समाज की रचना का यही आधार है, था, रहेगा
समाज की रचना का यही आधार है, था, रहेगा
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