मित्र बनना, बनाना, बन जाना, बना लेना, मित्र बनना स्वीकार कर लेना या मित्रता का प्रस्ताव करना या प्रस्ताव को स्वीकार या कि अस्वीकार करना, ये सब जब तक बच्चों के खेल रहते हैं तब तक तो अच्छा है- पर एक समय आता है जब यह सब बच्चों का खेल नहीं रह जाता--- झट मेलिस और फिर झट कट्टिस---- यह अब नहीं हो सकता----वह दौर खत्म -कृष्ण ने तो यह खेल खेला ही नहीं
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