Judicial discussion by R . K . Rateria
Thursday, 30 May 2013
कुछ तो होगा जिसे छिपाना नहीं चाहिये, जिससे छिपना नहीं चाहिये,
अपना मुँह खुद ही देख लो, दाग न छिपाओ,उनसे छिपना नहीं चाहिये
आईना दूसरे दिखाये, वे सब बातें बनाये, इसीसे बचना , बचाना चाहिये
अपना आईना खुद ही बन जाओ,अपने ही आईने में खुद को देखना चाहिये।
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