Wednesday, 10 September 2014

साधनों की फेहरिस्त  इतनी लम्बी है 
तुम्हारी सोच से बहुत दूर तलक जाती है .

दादा -पोता बाप ,बेटा सब साधन 
दादी पोती ,माँ-बेटी ,सब साधन .

औरत का हर रूप तो साधन था ही 
पुरुष का भी हर रूप साधन .

नदी नाले ,खेत बहियार सब साधन 
खर पतवार ,जड़ चेतन सब साधन .

हवा ,पानी ,धूप  सब बन गये साधन 
जंगल साधन , जंगली सब साधन 

धरती के ऊपर साधन ,निचे साधन
हम भी तो साधन ,तुम भी हो साधन

साध्य सभी का,सब समय बस  एक ही  है
लोभ -लालच जिस पर हम सब एक ही हैं

हम सब की आँखों में हर वक्त बसा रहता है
वह लाल लोलुप लपलपाता  लगातार लोभ

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