बस हिम्मत की , ईमान लाया ,दो गज जमीन हाथ से ही पाक की ,खयाल बनाया , वजू बनाया , खयाल किया ,खयाल में लिया और सजदा किया - बस नमाज़ हो गई .
यही तो है ,नारियल ,सुपारी , पत्थर ,गोबर -कुछ भी , हिम्मत किया ,इमान लाया ,धारणा की , संकल्प किया , सिर नवाया ,प्रार्थना की और पूजा हो गई . पत्थर ,इन्सान ,पेड़ ,जानवर , नदी ,पहाड़ , अन्न ,धन , जन ,गुण , नाम ,लिखा पढ़ा , कहा सुना ,देखा -सोचा -कुछ भी -विश्वास किया और निकल पड़े - यात्रा पूरी हो गई .
यही तो है ,नारियल ,सुपारी , पत्थर ,गोबर -कुछ भी , हिम्मत किया ,इमान लाया ,धारणा की , संकल्प किया , सिर नवाया ,प्रार्थना की और पूजा हो गई . पत्थर ,इन्सान ,पेड़ ,जानवर , नदी ,पहाड़ , अन्न ,धन , जन ,गुण , नाम ,लिखा पढ़ा , कहा सुना ,देखा -सोचा -कुछ भी -विश्वास किया और निकल पड़े - यात्रा पूरी हो गई .
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