Tuesday, 16 September 2014

मैं व्यक्ति परक अथवा घटना के तथ्य परक ,अथवा विवादित विचार परक उद्यम नहीं करता .
समसामयिक घटनाओं का मूल्यांकन  करने का मैं प्रयास घटना निष्ठ हो कर कभी नहीं करता .
व्यक्ति अथवा घटना की विवेचना मेरा विषय नहीं .
मैं तो विचार नद का एक प्रवाह मात्र हूँ - जल मेरा मूल तत्व हैं - वनस्पति मात्र को लाभ होता ही होगा तभी तो प्रवाह है .हर जीव को प्राण मिले ,प्राण सिंचन हो . होता ही होगा तभी तो अस्तित्व है .इस प्रवाह के उर्जा श्रोत को मैं स्वीकार करता रहूँगा- उस अभिदान को कृतज्ञ नमन .

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