गया जमाना सिखाने वाला .पढ़ाने अब कोई नहीं आयेगा.खुद ही पढ़ना , सीखना पड़ेगा .अपने आप को सुरु से ही सजग करना होगा. अपनी जिम्मेवारी के लिए खुद ही आगे आना होगा.अपना बोझ खुद ही उठाना होगा .अपनी गलतियों के लिए दूसरों को अब जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते . तुम्हारे माता पिता तक तुम्हारी जिम्मेवारी अब उठाने को तैयार नहीं है .
सच तो यह है कि आत्म निर्भरता हर स्तर पर बढ़ी है .हर पीढ़ी अब अपनी जिम्मेवारी समझने को तैयार है .कोई भी दूसरे के सहारे जीना नहीं चाहता . सभी अपनी अपनी स्वतंत्रता का उपभोग करना चाहते हैं . पराश्रयी होना कोई नहीं चाहता .उस अर्थ में आराम करना भी कोई नहीं चाहता है . हर पीढ़ी शुरू से लेकर अंतिम समय तक सक्रिय ,उपयोगी होना चाहती है. मौज मस्ती तो चाहती है पर अपने टर्म पर , अपनी शर्तों पर .
पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी द्वारा शासित होने को तैयार नहीं .
नई पीढ़ी को नए सोच पर भरोसा है .नये को अपनी क्वालिटी पर गुमान है . वह पुराने से दबने को तैयार नहीं. नया अपने प्रयोग खुद करना चाहता है . नया अपने किये की रिस्क भी समझता है ,उसे वहन करने को तैयार है .वह सफलता का श्रेय किसी दुसरे को नहीं देना चाहता . वह तैयार है असफलता के लिये भी .उसे भी भोगने को तैयार है .उस वक्त भी वह पुराने के पास भीख मांगने जाने को तैयार नहीं . जाने कहाँ से नए में इतनी शक्ति आ गयी है .पर यह है .
फलस्वरूप पुराने ने भी नये से अपने संबंधों को नया रूप दे डाला .न श्रेय मांगेंगे न तोहमत झेलेंगें .
पीढ़ियों ने अलग अलग जीना शुरू कर दिया .पुराने ने भी नये के लिए कुछ बचाना , सोचना छोड़ दिया या छोड़ रहा है .
एक पीढ़ी ने दूसरी पीढ़ी के लिये जीना छोड़ दिया .परस्पर सहारा बनना ,बनाना छोड़ दिया .पीढ़ियों की श्रेष्ठता में वृद्धि हुई है .परस्पर आश्रिति कम हुई है .
हर पीढ़ी अधिक स्वावलम्बी हुई है .शायद अधिक मजबूत भी.
नये का नया ज्ञान पुराने तक पहुँच रहा है .
अनुभव के साथ उत्साह तथा नई प्रेरणा का अद्भुत संयोग हो रहा है .
गया जमाना जब हर विचार को पुराने विचारों से लड़ना झगड़ना पड़ता था , पुराने के पास जा इम्तिहान देना पड़ता था , पुराने से पास होने पर ही उसे स्वीकार किया जायेगा नहीं तो शूली पर लटका दिया जायेगा ,या झर पिने को मजबूर किया जायेगा .
अब तो हर नया आता है बिना किसी झिझक के ,आता है और जम जाता है ,पुराना उसे बुला रहा है ,स्वागत कर रहा है
अब पुराना जाने से नहीं डर रहा . जबरदस्ती नहीं रहना चाहता . पुराना नये से अब रहने देने की भीख नहीं मांगने को तैयार . पुराना अपने हक से अपना जीवन जीना चाहता है .
गिडगिडाने को न पुराना तैयार न नया .
सच तो यह है कि आत्म निर्भरता हर स्तर पर बढ़ी है .हर पीढ़ी अब अपनी जिम्मेवारी समझने को तैयार है .कोई भी दूसरे के सहारे जीना नहीं चाहता . सभी अपनी अपनी स्वतंत्रता का उपभोग करना चाहते हैं . पराश्रयी होना कोई नहीं चाहता .उस अर्थ में आराम करना भी कोई नहीं चाहता है . हर पीढ़ी शुरू से लेकर अंतिम समय तक सक्रिय ,उपयोगी होना चाहती है. मौज मस्ती तो चाहती है पर अपने टर्म पर , अपनी शर्तों पर .
पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी द्वारा शासित होने को तैयार नहीं .
नई पीढ़ी को नए सोच पर भरोसा है .नये को अपनी क्वालिटी पर गुमान है . वह पुराने से दबने को तैयार नहीं. नया अपने प्रयोग खुद करना चाहता है . नया अपने किये की रिस्क भी समझता है ,उसे वहन करने को तैयार है .वह सफलता का श्रेय किसी दुसरे को नहीं देना चाहता . वह तैयार है असफलता के लिये भी .उसे भी भोगने को तैयार है .उस वक्त भी वह पुराने के पास भीख मांगने जाने को तैयार नहीं . जाने कहाँ से नए में इतनी शक्ति आ गयी है .पर यह है .
फलस्वरूप पुराने ने भी नये से अपने संबंधों को नया रूप दे डाला .न श्रेय मांगेंगे न तोहमत झेलेंगें .
पीढ़ियों ने अलग अलग जीना शुरू कर दिया .पुराने ने भी नये के लिए कुछ बचाना , सोचना छोड़ दिया या छोड़ रहा है .
एक पीढ़ी ने दूसरी पीढ़ी के लिये जीना छोड़ दिया .परस्पर सहारा बनना ,बनाना छोड़ दिया .पीढ़ियों की श्रेष्ठता में वृद्धि हुई है .परस्पर आश्रिति कम हुई है .
हर पीढ़ी अधिक स्वावलम्बी हुई है .शायद अधिक मजबूत भी.
नये का नया ज्ञान पुराने तक पहुँच रहा है .
अनुभव के साथ उत्साह तथा नई प्रेरणा का अद्भुत संयोग हो रहा है .
गया जमाना जब हर विचार को पुराने विचारों से लड़ना झगड़ना पड़ता था , पुराने के पास जा इम्तिहान देना पड़ता था , पुराने से पास होने पर ही उसे स्वीकार किया जायेगा नहीं तो शूली पर लटका दिया जायेगा ,या झर पिने को मजबूर किया जायेगा .
अब तो हर नया आता है बिना किसी झिझक के ,आता है और जम जाता है ,पुराना उसे बुला रहा है ,स्वागत कर रहा है
अब पुराना जाने से नहीं डर रहा . जबरदस्ती नहीं रहना चाहता . पुराना नये से अब रहने देने की भीख नहीं मांगने को तैयार . पुराना अपने हक से अपना जीवन जीना चाहता है .
गिडगिडाने को न पुराना तैयार न नया .
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