Saturday, 27 September 2014

जो जीतने के बाद हारने के पहले मृत्यु को प्राप्त हो वह , महापुरुष
जो जीतने के बाद मृत्यु के पहले हार जाये उसका श्रेय औ वह गये
हार पवित्र नहीं होती ,जीत न होती अपवित्र
हारना ही पाप है ,जीतना ही पूण्य

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