शुरूआती निर्णय लेने की प्रक्रिया कठिन है । बाद में तो अनुपात का उचित ज्ञान भी हो जाता है और आदत भी पड़ जाती है । शुरुआत में असफलता का विचार भी डरावना लगता है । क्रमशः समझ में आ ही जाता है कि असफलता के मार्ग से ही सफलता तक पहुँचा जा सकता है ।
निर्णय ले लेना एक कला है ।एक अवसर है । एक क्षमता है । एक परीक्षा है ।
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