Friday, 3 March 2017


अफ़सोस है , सिविल डिस्प्यूट और रिमेडी अब इतिहास की सी बात हो गई ।
लगता है बड़े कोर्ट के वकीलों ने अपने ब्यवसायिक लाभ के लिये इंजंक्शन के ज्यूरिस्डिक्सन को रिट के ज्यूरिस्डिक्सन से किडनैप करवा दिया ।
छोटे छोटे कोर्ट के वकील भी बड़े वकीलों के इस खेल को समझ नहीं पाये।
इंजंक्शन या बेल वे रिमेडी है जो अपने मवक्किल को दिलाने से वकील की इज्जत ,मान बढ़ता है ।बड़े वकीलों से मिलने वाली कर्टसी छोटे स्टेशन के वकील को मिलने वाली फीस से बड़ी होती है।
छोटे कोर्ट को रिलीफ नहीं देने के लिये प्रेरित ,बाध्य करने वाली बहुत सी शक्तियॉ है ।

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