Judicial discussion by R . K . Rateria
Friday, 3 March 2017
राजनीति में आखिर नैतिकता देखते या खोजते क्यों हो ?
हाँ ,यदि खुद समाज में यह है तो क्या मजाल राजनीति कोई दूसरी भाषा बोले ,कोई दूसरा रंग घोले या इनसे अलग रहे ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment