Friday, 3 March 2017


मेरे कल से मुँह छिपाते , मुँह मोड़ते ,
मेरे आज से ईर्ष्या ,क्यूँ आँख फाड़ते
अभी कितने दिन रात बाकी है देखो
मैं जहाँ जाकर रुकूँगा, वही मिसाल

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